- शब्दों या पदों के सार्थक समूह को वाक्य कहते हैं |
- इसमें एक उद्देश्य और विधेय होता है | ये दोनों वाक्य के अंग हैं .
जैसे- अमित रोटी खाता है |
इस वाक्य में ‘अमित ’ उद्देश्य है और ‘रोटी खाता है’ विधेय है|
उद्देश्य- वाक्य में जिसके बारे में कहा जाता है, उसे उद्देश्य कहते हैं |
विधेय- वाक्य में उद्देश्य के बारे में जो कुछ कहा जाता है, उसे विधेय कहते हैं .
जैसे- शिक्षक छात्रों को पढ़ा रहे हैं .
इस वाक्य में ‘शिक्षक ’ उद्देश्य हैं और ‘छात्रों को पढ़ा रहे हैं’ विधेय है .
रचना के आधार पर वाक्य के भेद
रचना का अर्थ ‘बनावट’ होता है . जब रचना के आधार पर वाक्य परिवर्तन किया जाता है तब उसकी बनावट में सिर्फ परिवर्तन होता है उसके अर्थ में किसी प्रकार का कोई परिवर्तन नहीं होता है .
रचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद हैं-
- सरल वाक्य
- संयुक्त वाक्य
- मिश्र वाक्य
सरल वाक्य
जिस वाक्य में एक उद्देश्य (कर्ता) और एक विधेय(क्रिया) होता है, उसे सरल वाक्य या साधारण वाक्य कहते हैं
सरल वाक्य के उदाहरण-
- राम ने रावण को मारा।
- आशा अच्छा गाती है।
- परिश्रमी बालक सफल होते हैं।
- बिजली चमकती है।
- पानी बरसा।
ऊपर के वाक्यों में राम, आशा और परिश्रमी बालक आदि उद्देश्य हैं और वाक्यों के शेष भागों का विधेय कहते है।
संयुक्त वाक्य
जिस वाक्य में दो या दो से अधिक वाक्य (उपवाक्य) समुच्चयबोधक शब्द(संयोजक शब्द) द्वारा परस्पर जुड़े हों, उसे संयुक्त वाक्य कहते हैं .
- रमेश ने काम किया और वह अपने घर चला गया।
- वह चला तो था, परन्तु रास्ते से लौट गया।
- राहुल विद्यालय जाता है और मन लगाकर पढ़ता है।
- वह सुबह गया और शाम को लौट आया।
- उसने बहुत परिश्रम किया किन्तु सफलता नहीं मिली।
इसमें परस्पर जुड़ने वाले एकाधिक वाक्य स्वतंत्र होते हैं; लेकिन स्वतंत्र कहने का अर्थ यह नहीं है कि इनके बीच कोई अंत:संबंध नहीं होता है . वस्तुतः इनके बीच एक खास तरह के संबंध होने के कारण ही ये आपस में जुड़ते हैं . इनके बीच बनने वाले संबंधों को ध्यान में रखते हुए संयुक्त वाक्य को चार भागों में बाँटा गया है.
संयोजक
विभाजक
विरोध वाचक
परिणाम वाचक
संयोजक
और, तथा, फिर, एवं, ही/ही नहीं ……बल्कि
विभाजक
या, अथवा, या…… या, न…… न, नहीं तो, अन्यथा, चाहे………. चाहे, न कि
विरोधवाचक
लेकिन, पर, मगर, बल्कि
परिणामवाचक
इसलिए, अतः, अतएव, सो
संयुक्त वाक्य के 10 उदाहरण- सुबह हुई और चिड़िया चहकने लगी .
- कल 15 अगस्त है इसलिए बाजार बंद रहेगा .
- मैं कल बीमार था सो विद्यालय नहीं गया .
- वह केवल बोलता ही नहीं बल्कि ध्यानपूर्वक सुनता भी है .
- तुम घर गए और मैं भी चला गया .
- उसने एक बार जिद की फिर कभी कुछ नहीं कहा.
- वह गरीब है मगर बहुत ईमानदार है .
- हम तुम्हारा बुरा नहीं चाहते बल्कि भला चाहते हैं .
- अकरम बहुत कमजोर था इसलिए वह दीवार पर चढ़ न सका .
- बाहर बहुत जोर से बारिश हो रही थी परंतु वह खेलने चला गया .
- चार्ली बाजार गया और सामान लेकर आया .
- या तुम शहर जाओगे या मैं जाऊँगा.
- चाहे तुम यह काम कर सकते हो चाहे मैं .
- तुम दूध पियोगे न कि कॉफी .
- तुम स्टेशन जल्दी पहुँचो अन्यथा एक्सप्रेस ट्रेन चली जाएगी .
मिश्र वाक्य
जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य तथा उसके अधीन एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य होते हैं, उसे मिश्र वाक्य कहते हैं .
मिश्र वाक्य के उदाहरण
- जब मै घर से निकला तब वर्षा हो रही थी।
- यदि तुम आओगे तो हम भी चलेगे।
- वह काम हो गया है जिसे करने के लिए आपने कहा था।
- जब तुम जाओगे तब मैं भी जाऊँगा | (इस वाक्य में तब मैं जाऊँगा प्रधान उपवाक्य है और जब तुम जाओगे आश्रित उपवाक्य है .)
- मेरा दृढ़ विश्वास है कि भारत जीतेगा।
- सफल वही होता है जो परिश्रम करता है।
प्रधान उपवाक्य- जिस उपवाक्य का उद्देश्य और विधेय मुख्य होता है, उसे प्रधान उपवाक्य कहते हैं .
जैसे- अध्यापक ने कहा कि तुम कक्षा में प्रतिदिन आओ .
इस वाक्य में रेखांकित उपवाक्य प्रधान उपवाक्य है .
आश्रित उपवाक्य- प्रधान उपवाक्य पर जो उपवाक्य निर्भर होता है, उसे आश्रित उपवाक्य कहते हैं .
इस उपवाक्य का उद्देश्य और विधेय प्रधान नहीं होता है .
उदाहरण- जैसे ही सूर्य निकला वैसे ही जानवर जंगल में भाग गए .
इस वाक्य में ‘जैसे ही सूर्य निकला’ आश्रित उपवाक्य है .
प्रधान उपवाक्य और आश्रित उपवाक्य में अंतर
- प्रधान उपवाक्य किसी पर निर्भर नहीं होता है लेकिन आश्रित उपवाक्य प्रधान उपवाक्य पर निर्भर होता है .
- प्रधान उपवाक्य की क्रिया मुख्य होती है लेकिन आश्रित उपवाक्य की क्रिया मुख्य नहीं होती है .
- प्रधान उपवाक्य वाक्य में एक ही होता है लेकिन आश्रित उपवाक्य एक या एक से अधिक हो सकते हैं .
- प्रधान उपवाक्य का कोई भेद नहीं है लेकिन आश्रित उपवाक्य के तीन भेद हैं .