देखना हो तो किसी की अच्छाइयों को देखें || See the Good in Others

देखना हो तो किसी की अच्छाइयों को देखें



एक बार देवरानी और जेठानी में किसी बात पर जोरदार बहस हुई और दोनो में बात इतनी बढ़ गई कि दोनों ने एक दूसरे का मुँह तक न देखने की कसम खा ली और अपने-अपने कमरे में जा कर दरवाजा बंद कर लिया।

परंतु थोड़ी देर बाद जेठानी के कमरे के दरवाजे पर खट-खट हुई।

जेठानी तनिक ऊँची आवाज में बोली "कौन है?",

बाहर से आवाज आई "दीदी मैं !"

जेठानी ने जोर से दरवाजा खोला और बोली "अभी तो बड़ी कसमें खा कर गई थी।अब यहाँ क्यों आई हो? "

देवरानी ने कहा "दीदी सोच कर तो वही गई थी, परंतु माँ की कही एक बात याद आ गई कि जब कभी किसी से कुछ कहा सुनी हो जाए तो उसकी अच्छाइयों को याद करो और मैंने भी वही किया और मुझे आपका दिया हुआ प्यार ही प्यार याद आया और मैं आपके लिए चाय ले कर आ गई। 

बस फिर क्या था दोनों रोते रोते, एक दूसरे के गले लग गईं और साथ बैठ कर चाय पीने लगीं।

जीवन मे क्रोध को क्रोध से नहीं जीता जा सकता, बोध से जीता जा सकता है।

अग्नि अग्नि से नहीं बुझती जल से बुझती है।

समझदार व्यक्ति बड़ी से बड़ी बिगड़ती स्थितियों को दो शब्द प्रेम के बोलकर संभाल लेते हैं।

हर स्थिति में संयम और बड़ा दिल रखना ही श्रेष्ठ है।

शुभ प्रभात। आज का दिन आपके लिए शुभ एवं मंगलकारी हो!!

Moral in English :

When we see good in others, our mind becomes happy.One who can see the good in others can easily handle any difficult situations in life.